CBSE Board Exam New Rule 2025: छात्रों के लिए बड़ी राहत या नई चुनौती?
CBSE Board Exam New Rule 2025: शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने घोषणा की है कि अब से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। यह फैसला नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का बोझ कम करना और उन्हें अपनी तैयारी के लिए अधिक अवसर देना है।
क्या है CBSE का नया नियम?
सीबीएसई बोर्ड द्वारा लागू किए जा रहे इस नए नियम के तहत:
✔ साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होगी—पहली परीक्षा साल के मध्य (टर्म 1) और दूसरी साल के अंत में (टर्म 2)।
✔ छात्र अपनी सर्वश्रेष्ठ स्कोर वाली परीक्षा का परिणाम चुन सकते हैं।
✔ परीक्षा पैटर्न में मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQ) और केस-स्टडी आधारित प्रश्नों का समावेश होगा।
✔ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में परीक्षा देने का विकल्प हो सकता है।
छात्रों को क्या फायदा होगा?
✅ कम तनाव: परीक्षा दो बार होने से छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा।
✅ बेहतर स्कोर का मौका: जिन छात्रों की पहली परीक्षा में परफॉर्मेंस अच्छी नहीं होगी, वे दूसरी परीक्षा में सुधार कर सकते हैं।
✅ फेल होने का डर नहीं: अब छात्रों को सिर्फ एक परीक्षा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
✅ कॉलेज एडमिशन में आसानी: विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों के पास बेहतर स्कोर वाला रिजल्ट रहेगा।
क्या चुनौतियां हो सकती हैं?
⚠ दो बार परीक्षा की तैयारी करना कठिन हो सकता है।
⚠ स्कूलों और शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा।
⚠ परीक्षा शेड्यूल और रिजल्ट डिक्लेरेशन की प्रक्रिया लंबी हो सकती है।
नया सिस्टम छात्रों के लिए फायदेमंद या नुकसानदायक?
इस बदलाव के कई फायदे हैं, लेकिन छात्रों को अपने समय प्रबंधन और अध्ययन योजना पर विशेष ध्यान देना होगा। यह प्रणाली उन छात्रों के लिए बेहतर साबित हो सकती है जो दोबारा परीक्षा देकर अपनी परफॉर्मेंस सुधारना चाहते हैं।
निष्कर्ष:
CBSE का यह नया नियम छात्रों के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है। यह परीक्षा के डर को कम करेगा और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का मौका देगा। हालांकि, यह बदलाव तभी सफल होगा जब छात्र, शिक्षक और अभिभावक मिलकर इस नई प्रणाली के अनुसार खुद को ढालेंगे।
क्या आप इस नए नियम से खुश हैं? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!